Sunday, September 10, 2023

संत सूरदास जयंती उत्सव🙏 बुराड़ी जिला (उत्तरी विभाग) दिनांक 27-05-2023

।। सक्षम भारत - समर्थ भारत।। 🙏 संत सूरदास जयंती उत्सव🙏 बुराड़ी जिला (उत्तरी विभाग) दिनांक 27-05-2023 को सक्षम इंद्रप्रस्थ के बुराड़ी जिला (उत्तरी विभाग) में संत सूरदास जयंती उत्सव का आयोजन सक्षम द्वारा चलाये जा रहे भगिनी निवेदिता छात्रावास (बुराड़ी जिला )में किया गया, कार्यक्रम का शुभारंभ दीपप्रज्वलन के साथ हुआ।सक्षम इंद्रप्रस्थ के उत्तरी विभाग के युवा प्रमुख श्रीमान आशुतोष जी ने सूरदास जयंती उत्सव सक्षम द्वारा क्यों मनाया जाता है इसको लेकर संक्षिप्त परिचय दिया। और सक्षम का संक्षिप्त परिचय भी दिया।मुख्य अतिथि श्रीमति विनिता जी आप वर्तमान में यू. जी. सी. दवारा चलाये जा रहे ब्यास चैनल पर बी. ए. और एम. ए. के छात्रों को हिंदी विषय की लाईव क्लास लेती हैं। श्रीमती विनीता जी ने संत सूरदास जी के जीवन और उनके दर्शन के विषय में बहुत हीं सारगर्भित उदबोधन प्रस्तुत किया । महात्मा सूरदास जी के कविताओं और उनके जीवन के महतवपूर्ण सन्दर्भों का वर्णन करते हुए, इस बात का उल्लेख किया प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति के पास एक दिव्य शक्ति होती है, जिसे पहचान कर सूरदास जी ने अपने जीवन काल में बहुत सी महतवपूर्ण लेखन कार्यों को पूर्ण किया।1.5 लाख से अधिक दोहे की रचना किया है। उदबोधन में सूरदास जी के दर्शन और लेखन पद्धति के उत्कृष्टता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विभिन्न अध्यात्मिक सन्दर्भों का भी उल्लेख किया । उन्होंने बताया की सूरदास जी ने कभी भगवान् श्री कृष्ण जी को अपने बाहरी चक्षुओं से तो नहीं देखा था, लेकिन अपने दिव्य चक्षुओं से किये दर्शन के आधार पर श्रीमद भगवत गीता, महाभारत और वृन्दावन के विभिन्न सन्दर्भों का बहुत हीं सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया है, जिससे सम्पूर्ण श्रृष्टि आज भी लाभान्वित हो रही है । सूरदास जैसी दिव्य शक्ति का अंश हम सभी मानव में मौजूद है जिसकी अनुभूति केवल अंतरात्मा के चक्षुओं से संभव है। संसार में जितने भी दिव्यांग भाई बंधु है किसी एक अंग के विकृति होने के बावजूद भी अपनी दिव्य शक्ति और दृढ़ इच्छाशक्ति कठिन से कठिन काम को काम करके सफ़लता प्राप्त किया हमे अपने आस पास या समाज में देखने को मिलता है।कैसे अपने लक्ष्य पर विजय प्राप्त किया है। हमें समाज को देखने के लिए नेत्र की जरूरत नहीं बल्कि अपने अंदर मन और सोच के नजरिए को साफ करने की जरूरत है तभी समाज में प्ररिवर्तन हो सकता है। उन्होंने बताया कि संत सूरदास जी अपनी लेखन मे छेत्रिय भाषा ब्रज का प्रयोग किया। उन्होंने नेत्र बाधित दिव्यांग विद्यार्थियों को संत सूरदास जी के जीवन और कर्मों से प्रेरणा लेते हुए स्व में गर्व की भावना संचारित करने और अपने अन्दर की दिव्यता की पहचान करने का आह्वान किया। इसलिए भारत ही नहीं पूरे संसार में आज भी संत सूरदास जी का प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। इसके बाद नेत्र बाधित छात्रों दवारा संगीत और संत सूरदास जी दवारा लिखे दोहे भी सुनाई। जिससे लोगो मे उत्साह की एक नई ऊर्जा उत्पन्न हो गई। कार्यक्रम में आनंदमय हो गया। कार्यक्रम की औपचारिक समाप्ति के पश्चात उपस्थित सभी छात्रों एवं कार्यकर्ताओं के लिए जलपान भी कराया गया। इस उत्सव में दृष्टिबाधित दिव्यांगजनो की कुल संख्या 11 रही।इस अवसर पर सक्षम इंद्रप्रस्थ के उत्तरी विभाग के अध्यक्ष श्रीमान दीपक जी , उत्तरी विभाग सचिव श्रीमती लक्ष्णा जी और उत्तरी विभाग के युवा प्रमुख श्रीमान आशुतोष जी और बुराड़ी जिला सचिव बलिराम जी और बुराड़ी जिला सक्षम कार्यकर्ता श सर्वोदय जी ,अमर जी,विमल जी,अरूण जी,दीपिका जी भूपेंद्र जी,संघ से बुराड़ी ज़िला सेवा प्रमुख श्रीमान निर्मल जी और अन्य लोग उपस्थित रहे। कुल उपस्थित संख्या- 29 दृष्ठिबाधित दिव्यांगजनों की संख्या- 11 बलिराम सचिव सक्षम बुराड़ी जिला